About the Book
"चल मुसाफिर चल" कविताओं का एक ऐसा मनोरम संग्रह है जो पाठकों को शब्दों के माध्यम से एक आत्म-रोमांचक यात्रा पर ले जाता है। जीवन एक यात्रा की तरह है जिसमें कई तरह के उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कई बार जब इंसान हिम्मत हारने लगे तब प्रोत्साहन एवं प्रेरणा फिर से हमारे अंदर जोश भर देते हैं, हमें आगे बढ़ाने के लिए एक धक्के की तरह काम करते हैं। प्रेम के रिश्ते से लेकर शत्रु की माफ़ी तक, कई तरह के विषयों को कवयित्री ने अपनी इन कविताओं में शामिल किया है। उनकी कविताओं की विशेषता यह है कि इसमें बहुत ही सरल हिंदी भाषा का प्रयोग किया गया है ताकि सभी उम्र के लोग इसे आसानी से समझ सकें। तो आइये ऊर्जा और उत्साह के इस काव्य-सागर में डूब जाइये और आप भी अपना मनोबल बढ़ा
About the Author
कवयित्री वर्षा रानी "मशाल" की काव्य-यात्रा बहुत ही दिलचस्प है। पेशे से वे गणित की अध्यापिका हैं लेकिन हिंदी-काव्य में उनकी गहरी रुचि है। कक्षा-2 से ही उन्हें कवितायें पढ़ने का बेहद शौक था और इसलिए वे अक्सर विद्यालय के कार्यक्रमों में कविता पाठ करती थीं। कक्षा 8वीं में पहली बार एड्स (AIDS) जैसे कठिन विषय पर लिखी हुई उनकी कविता स्कूल के मैगज़ीन में भी छपी थी। फिर हर वर्ष कॉलेज की वार्षिक प&
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