इस पुस्तक "दिल्ली प्रदेश नारीमन की कहानियाँ" साझा संग्रह में कुल इक्कीस कहानिया हैं। सभी प्रस्तुत कहानियां आज के समय के कालचक्र के अनुसार रची गयीं हैं जो नारीमन को बहुत ही सुंदर ढंग से परिभाषित करते हुए, समाज को कहीं न कहीं मानवता का सन्देश भी देती हैं। सभी कहानियां वर्तमान सामाजिक परिस्तिथियों को दर्शाती हुई, मानवीय भावनाओं से ओत-प्रोत विभिन्न अंतर्द्वदों के इर्द-गिर्द घूमती हैं। कहानियों के पात्र जनजीवन के इतने निकट हैं कि उन्हें समाज के हर वर्ग में देखा जा सकता है। संवादों की शैली बहुत ही सरल और सीधी है। आशा करते हैं कि पाठकों को ये कहानियां पसंद आएँगी और शायद कुछ सोचने पर भी मजबूर करेंगी।